raj nandini love story in hindi

raj nandini love story in hindi

आज हम आपको एक love story in hindi में सुनाने जा रहेहै,दोस्तों ऐसे प्रेम कहानी के बारेमे अपने कभी नहीं सुनाहोगा कियूं की इसी लव स्टोरी में एक हिस्ट्री है और उसी हिस्ट्री में एक मिस्ट्री भी छुपा हुआहै,आज यह प्रेम कहानी पढ़के एक पत्थर दिल भी रोयेगा कियूं की यह कोई कहानी नहीं बल्कि किसीके बीती हुई कल है जिसे हम आप लोगों को आज पहलीबार उनके गाथा सुना रहे है,

love story in hindi

सबसे पहले बतादूँकी love story in hindi यह आर्टिकल को सुरु लेके आखिर तक जरूर पढ़ें नहीं तो आपको कुछ समझे में नहीं आएगा,दोस्तों भारत के ओडिशा राज्य के बारेमे अपने जरूर सुना होगा और यह कहानी ओडिशा के बलांगीर जिल्ले के एक लड़का के प्रेम कहानी है और इसी कहानी का नाम हमने raj nandini रखा है ताकि आपको यह कहानी अच्छे से समझ में आसके,

raj nandini

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ओडिशा में एक जिल्ला है बलांगीर और उसी जिल्ले में एक छोटा सा गाओं है हनुमान गढ़,दोस्तों सेहर से बहुत दूर है यह गाओं जहाँ नदी,जंगल,पहाड़,झील, प्रकृति के सरे दृश्य इसी गाओं में भरा हुआ है,उसी हनुमान गढ़ में एक आदमी रहता था जिनका नाम है बलराम सिंह जो एक पैसे में किसान है परन्तु अच्छे बिचार धरा और लोगों के प्रति प्रेम भाब केलिए बलराम को गाओं में सब लोग डरते है और उनके इज्जत करते है,बलराम सिंह के 3 बेटे है बलबीर,अर्जुन और राजसिंघ,

 

बलराम सिंह ने अपने 2 बेटियां और 2 बेटे को सधी कर चुके थे पर सबसे आखिर में राजसिंघ थे जो इस कहानिका हीरो है,जिन्हे लोग पियार से राज बुलाते थे कियूं की राज एक दिलदार लड़का था जो गाओं के नजर में तो एक हीरो था पर घर के नजर में एक नालायक बेटा था,घर वाले राज को कोईभी पसंद नहीं करते थे पर वही बात राज को फरक नहीं पढता था वे हमेसा आराम से खा पि के हरिगिरि करता था,

 

राज घर वालों की कोई भी बात नहीं सुनता था वे हमेसा अपना मनमानी करता था और वो सबसे छोटा लड़का है इसीलिए उन घरके सरे औरते उन्हें पियार करते थे और उसीका फायदा उठता था,एक दिन घर वालों के साथ राज के बहुत बड़ा झगड़ा होजाता है अपने पापा के साथ इसीलिए उन्हें घर से निकाला जाता है,उसे ऐसे परिस्थिति में देखते हुए राज के माँ ने राज के मामा को बुलाता है और राज को साथ अपने घर लेने केलिए बोलता है,

 

राज के मामा के घर जो है वह हनुमान गढ़ के पड़ोस की गाओं है जहाँ एक जमींदार रहता है जिनका आगे बड़े बड़े पैसावाला के भी बोलती बंद हो जाता है,जमींदार के पास नौकरी करने केलिए राज को अपने मामा पूछते है पर राज न मना कर देता है कियूं की राज बचपन से ही घूम फिर कर आराम से खाना जनता है,एक दिन की बात है राज के मामा को बहुत जोर बुखार होता है और उनसे मजबूरन नजदीक के सेहर के मेडिकल को लिया जाता है,

 

राज के पास जो पैसा था वो मेडिकल में खर्च हो जाता है इसीलिए राज के मामी ने राज को अपने गहने उतार कर देती है और उसे अपने गाओं के जमींदार के पास गिरबी रखने केलिए बोलती है,राज गहने को लेकर अपने मामा के गाओं लौट आता है और उसे गिरबी रखने केलिए उन्ही जमींदार के पास लेता है,उस दिन जमींदार नहीं थी जिन्हे मजबूरन राज को अपने घर पैसा लेने आना पड़ा था है,

 

दोस्तों राज के मामा बहुत जल्द ठीक होगये और अपने गाओं में वापस आगये,राज जब गहने गिरबी रखने केलिए गयाथा उस दिन उसी घर में एक लड़की देखा जो जमींदार के सबसे लाड़ली बेटी थी,उसकी नाम नंदिनी थी और वे अपने जमींदार पापा के तरह बहुत ही घमंडी था परन्तु वे सुंदरता के देवी थी किसी अपसरा से कम नहीं, जिस दिन से लड़की चेहरा देखता है राज के भूक पियास नींद सबकुछ उड़ जाता है और वे खोया खोया रहता है,

 

एक दिन राज ने अपने मामा के खेतो में घूम रहा था और उस दिन नंदिनी के साथ कुछ और लड़कियां भी घूमने आयेथे,नंदिनी के दोबारा दरसन पाकर राज बहुत खुस हो जाता है और मन ही मन उसे पटाने केलिए सोचता है,उस दिन से राज ने हमेसा नंदिनी को फॉलो करता है और एक दिन नंदिनी को पता चल जाताहै की कोई उसका पीछा कर रहाहै हमेसा और यह सोच कर नंदिनी गुस्सा हो जाती है,

 

दोस्तों राज एक दिन नंदिनी के पीछा करतेहुए पकड़ा जाता है और थप्पड़ के साथ साथ नंदिनी के घमंडी बातें भी सुन्ना पड़ता है,राज ने अगले ही दिन अपने मामा के घर छोड़ के वापस अपने घर चेला जाता है कियूं की उसके दिल में भी ठेस पहंचा होता है,राज को देख कर अपने घरवालों खुस हो जाते है खास कर उनके पापा, उस दिन राज के घर वालों ने अपने राज को साधी करवाने केलिए पूछते है 

 

राज ने साधी के बात सुनते ही उसी लड़की के नाम लेता है जिन्हे वो पियार करता है यानि नंदिनी को,यह बात सुनते ही राज के पापा राज को साफ साफ माना कर देते है,कियूं की राज के पापा बलराम सिंह और वो जमींदार के बीज सदिओं से दुश्मनी है जो एक दूसरे के सकल देखना भी पसंद नहीं करते,यह बातें सुनकर राज सोच में पड़ जाता है कियूं की उसके पास और कोई ऑप्शन नहीं होता है,

 

ऐसे 1 से 2 महीने चलागया और राज अपने मामा के गाओं किसी काम के सिलसिले में आता है और रस्ते में ही नंदिनी के साथ मुलाकात होता है पर राज के दिल में इतना भी साहस नहीं है जो उसे देखकर हेलो हई कर सके,बस राज ने सीधे सीधे अपने मामा के घर चलाजाता है,इस तरफ नंदिनी के दिल में भी राज को लेके कुछ भाबनाए होती है और वे राज के बारेमे पता लगता है की वे कोण है और किया करता है,

 

एक दिन अचानक से नंदिनी के एक सहेली ने राज के पास अति है और नंदिनी के बारेमे बोलती है,यह देख कर राज और भी घबरा जाता है और नंदिनी से मिलने जाता है,नंदिनी ने साफ साफ कहे देता है की तुम मुझे पसंद हो अगर में भी तुम्हे पसंद हूँ तो तुम मुझे पाने केलिए किया किया कर सकते हो,यह बातें सुन कर राज खुस होजाता है और मन में जो आये वो सरे वादा कर लेता है,खुसी के मरे राज ने बहुत सरे झूठा वादा भी कर लेता है,

 

राज के बातें सुनके नंदिनी ने और भी अट्रेक्ट हो जाता है और उस दिन से उनके पियार चालू होजाता है,एक दो साल बात ननंदिनी को बिहा करवाने केलिए अपने जमींदार पापा एक से बढ़ कर एक रिस्ता ला रहाहै पर किसीभी रिस्ता नंदिनी के पसंद नहीं आती है,उसे देख कर जमींदार ने जबरदस्ती नंदिनी को साधी करवाता है पर नंदिनी राज को अभी इतना पियार करता है की वो उसका बिना रेहेनेही पता है,

 

साधी के दिन ही राज नंदिनी को लेके भाग जाता है इस तरफ जमींदार और राज के पापा बलराम सिंह के लड़ाई भी हो जाता है,राज ने नंदिनी को लेके उतना दूर चला जाता है की कोई उन्हें ढूंढ़ने से भी नहीं मिलेगा,ओडिशा के पहाड़ी इलाके में कोरापुट नाम के एक जिल्ला है जहाँ आदिबासी लोग रहते है और उनलोगों के पास राज और नंदिनी चेले जाताहै और उनके साथ रहते है,

 

धीरे धीरे समय बीतता जाता है और समय के साथ राज और नंदिनी ने भी अपने आपको ढाल देते है,राज और नंदिनी ने बिलकुल आदिबासी के तरह रेहेन सेहेन के साथ उनके जैसे खाने पिने भी लगते है,इन दोनों केलिए उन अदीबासिओं ने एक घर भी बनवाते है और इनको बहुत जयादा सम्मान के साथ रखते है कियूं की ये लोग उन अदीबासिओं के बच्चो को पढ़ाने लगते है इसीलिए,

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एक दिन राज उन आदिबासी साथिओं के साथ सीकार करने गया होता है और दूसरी तरफ नंदिनी को बुखार होजाती है,नंदिनी को ऐसे हालत में देखते हुए राज ने घबरा जाता है और बैध के पास लेकर जाता है,कुछ दिन बात नंदिनी के तबियत धीरे धीरे ठीक होने लगता है और उसे देखकर राज बहुत खुस होता है,नंदिनी ने राज के इतना पियार आज से पहले कभी नहीं देख कियूं की बीमार के वक़्त राज ने नंदिनी की सुभे साम हमेसा ख्याल रखता है और देखते हुए नंदिनी के दिल में राज के प्रति और भी पियार आजाता है,

 

राज के इतना पियार देखते हुए नंदिनी ने राज को एक सबाल पूछता है,नंदिनी-मुझे बेहत पियार करते हो न ? राज- हं में तुम्हे जान से भी जयादा पियार करताहूँ,नंदिनी-अगर में ऐसे ही बीमार रहा तो कहीं परिसन होकर मुझे छोड़ कर चेले तो नहीं जाओगे न ? राज ने यह बातें सुनते ही सोच में पड़ जाते है और पास में एक कुराढी होता है उसे लाकर अपने ही दोनों पैर को काट देता है.. और नंदिनी के तरफ देखते हुए बोलता है ये लो अब में चाहूँ तो भी तुम्हे छोड़ कर कभी नहीं जा पाउँगा।। Part-2 coming soon..

 

उम्मीद करताहूँ की इसी love story in hindi में आपको पसंद आया होगा,पियार के खातिर लोग कियाकिया कर जाते जो सपने से भी परे लगता है,दोस्तों कहानी ख़त्म नहीं हुआ raj nandini love story अभी भी बाकि है अगर आपको यह पसंद आया तो निचे कमेंट करें और हो सके तो इसी अनोखे प्रेम कहानी को अपने दोस्तों से करें और ऐसे love story in hindi में जानने केलिए हमे फॉलो करें,

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