dharmapada history
ओडिशा राज्य के रहष्यमयी मंदिर konark temple कार्य को सपूर्ण करने में dharmapada का सबसे बड़े हाथ है,चलिए इन्ही नन्हे बच्चे के महान कारीगरी और गरिमा के बारेमे एक एक करके जानते है।
Dharmapada
सबसे पहले जानलो dharmapada कौन है ? history के अनुसार बतादूँ की 1200 सताब्दी में बनायागया कोणार्क टेम्पल को 1200 कारीगर ने मिलके बनाये थे और उन्ही कारीगरों में सर्बश्रेष्ठ कारीगर bishu maharana के बेटे थे धर्मापद,तो चलिए धर्मा के बारेमे एक सच्ची कहानी आपको सुनते है।
जब कोणार्क के निर्माण सुरु हुआथा तब dharma ने अपने माँ के पेट में था और तभी से बिशु महाराणा ने कोणार्क नगरी को चलेआए कोणार्क मंदिर बनाने केलिए पर कोणार्क को बनते बनते पुरे 12 साल का वक़्त होगया और उस तरफ बिशु महाराणा के बेटे जन्म होक उसे भी 12 साल हो गया।
ऐसे में महाराणा के पत्नी सोरयाना ने अपने बेटे का नाम dharma रख दी।एक दिन धर्मा ने अपने पापा को मिलने का जित करता है और अपने माँ को कोणार्क नगरी के ठिकाना मांग के सीधा चेला आता है और तभी देखता है की कोणार्क मंदिर के सरे कारीगरों के ऊपर दुःख का छाया है।
यह देख के धर्मा ने अपने पापा को पूछता है की आज 12 साल होने के आखरीरात है और konark temple के गुम्मद बांधना बाकि है साथ ही वहां जो कलस लगवाना था वही नक्सा हमे अच्छे से कर नहीं पारहे है और आज रात अगर यह मंदिर के निर्माण कार्य सम्पूर्ण नहीं हुआ तो….
राजा ने हम सबके सर काट देगा ऐसे बातें अपने पापा के मुँह से सुन के धर्मा ने तुरंत कोणार्क मंदिर के ऊपर चढ़ जाता है और कुछी कारागारों के सहायता से उसी मंदिर का कार्य को पूरी तरीके से सम्पूर्ण करके निचे चेला आता है यह दृश्य देखे पुरे 1200 कारागारों ने खुस हो जाते है।
मंदिर का कार्य तो सम्पूर्ण होगया था परकुछ कारीगरों ने यह कहे की अगर राजा को पता चलेगा की मंदिर के ऊपर कलश लगाने केलिए हम कई सालों से बिफल होरहे थे और एक छोटा बच्चा नहीं उसे कुछी समाय में करदिया इस बात राजा को पता चला तो तभी राजा हमको मार देगा।
इसी बात कोसुनते ही dharma ने कोणार्क मंदिर के ऊपर चढ़ कर नदी के अंदर छलांग मरदेता है और अपनी जान देकर उन्ही 1200 कारागारों का जान एक छोटा बच्चा ने बचाया था जिन्हे आज भी dharma के गरिमा को सम्मान देते है और दिल से याद रखते है
उम्मीद करता हूँ की konark temple के महान आर्किटेक्चर धर्मा के बारेमे अच्छे से जानकारी मिला होगा।अगर आपको dharmapada के सच्ची कहानी अच्छा लगा तो जरूर शेयर करें भी करें।