Bhima bhoi jibani, books, ideology, birth place quotes and mahima dharma

Bhima bhoi jibani, books, ideology, birth place quotes and mahima dharma




आज हम bhima bhoi जीबनि के बारेमे चर्चा करेंगे साथ ही उनके लिखीहुई books और महिमा धर्म के बारेमे भी अच्छे से जानकारी लेंगे,आपके जानकारी केलिए बतादूँ की भीम भोई को दूसरा बुद्धा भी कहा जाता है जिनका सोच बिचार और ज्ञान के आगे आइंस्टाइन जैसे लोग भी झुक गए थे तो दोस्तों हो सकते तो इसी कंटेंट को आखरी तक जरूर पढ़ें,

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bhima bhoi


Bhima bhoi

इसी महान इंसान bhima bhoi के जन्म 1850 में ओडिशा राज्य के सम्बलपुर जिल्ले में स्थित रेढ़ाखोल नाम के एक गाओं में हुआथा,वो एक बहुत ही साधारण और गरीब परिबार में पैदा हुए थे। बचपन से ही कुछ बीमार के चलते उनके आँखों का रौशनी चला गयाथा और वो पूरी तरह से अंधे होगये थे,भीम भोई बचपन से ही बुद्धिमान और महाज्ञानी हुआ करते थे जिनके आगे बड़े बड़े पंडित भी हार मान जातेथे। बहुत ही दयालु और सरल सवभाबिक गुण होनेके के कारन उन्हें कोईभी सम्मान नहीं देता था और सब लोग उन्हें वेवकूफ कहते थे । आपके जानकारी केलिए बतादूँ की भीम भोई को पढ़ने में बहुत रूचि था पर दुर्भाग्य से उनके गाओं के आसपास 50 km तक कोई भी स्कूल नहीं था,

 

10 साल के उम्र में ही भीम भारत के सभी बड़े बड़े ग्रन्थ को 2-2 बार अध्यन करचुके थे,दोस्तों सबसे हैरान करनेवाली बात यह है की वो जिसभी किताब को एकबार सुन लेते थे उसे वो कभी नहीं भूलते थे,भीम धीरे धीरे बड़े होते गए पर उनके सरलता,नम्रता और दयालु स्वभाब भी उनके साथ साथ बढ़ता गया और सिर्फ इतना ही नहीं उनके पांडित्य और ज्ञान के भंडार भी चारो और फैलने लगा,

 

दोस्तों भीम के सत्बुद्धि और सत्ज्ञान को देखते हुए भारत के बड़े बड़े पंडितो और ब्राम्हणो ने उनके खिलाफ होगये थे और उन्हें मारने काटने की धमकी देनेलगे, कियूं की भीम के बातों पर सबलोग आजाते थे और ब्राम्हणो ने भगबान के नामपर लोगों को जो लूट रहे है और डरा रहे है उसके बारेमे bhima bhoi ने लोगों को अच्छे से समझते थे जिसके चलते ब्राम्हणो का बुसिनेस्स में रुकाबट आजाता था,

 

bhima bhoi books pdf के अनुसार वो इतना दयालु थे की किसको भी तख़लीफ़ में देख नहीं पातेथे और दुसरो का दुःख-दर्द देख के ऐसे रोतेथे मनो उनको कोई गहरा चोट लग गया हो। वो हमेसा सोचते थे की भगबान लोगों को इतना कियूं दुःख और कस्ट देता है इसके बदले सुख और सन्ति भी तो दे सकता है ऐसा ? 

 

भीम ने लोगों के दुःख और कस्ट को कदाचित बर्दास्त नहीं कर पातेथे और इन्ही सरे बातों को लेकर वे एक कबिता भी लिखते है ओड़िआ भासा में (प्राणींक आरत दुख अप्र मीत देखु देखु किबा सहु मो जीबन पछे नरके पड़ी थाउ जगत उद्धार हेउ) इसका हिंदी अर्थ- है भगबान लोगों को इतना दुःख-दर्द देके तू चुप कियूं रहता है अगर दुःख-दर्द देनाहै तो इस पूरी धरती का दर्द मुझे देदे और पुरे संसार में सन्ति और खुसी लोटा दे

 

ऐसे कई सरे कबिता उन्होंने लिखा है जिसे आज के दर में ओडिशा के स्कूल,कॉलेज में bhima bhoi books को पढ़ाया जाता है, और इसीलिए उन्हें sant kabi bhima bhoi भी कहा जाता है । अब बात करलेते है भीम भोई जीबनि के दूसरे हिस्सा को जो आपको इंटरनेट में भी नहीं मिलनेवाला है सो दोस्तों निचे जोभी लिखागया है उसे नजर अंदाज न करें।

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mahima swami

हर किसी के गुरु होते है उसी तरह bhima bhoi के भी एक गुरु थे और उनका नाम था महिमा स्वामी, वो हिन्दू धर्म के रीती निति पूजा बिधि के खिलाफ थे और कहते थे की यह सिर्फ एक धर्म है जहाँ उच्च नीच बाचबिचार भेदभव और पूजा के नाम पर दूसरों का बलि दिया जाता है जिसकी वजह से दुनियां और भी हिंस्र होते जारहा है।

 

दोस्तों जब भीम भोई महिमा स्वामी को गुरु के तर पर स्वीकार करलेते है तब वो महिमा धर्म को गाओं गाओं घूम के प्रचार करते है, इसी प्रचार के दौरान भीम को बहुत सरे तख़लीफ़ उठाना पडाथा जैसे की निंदा-अपमान मार पिट । दोस्तों महिमा धर्म को और भी सही तरीके से प्रचार करने केलिए ओडिशा के जुरुन्दा गादी में एक मंदिर बनवाते है और वहीँ से ही लोगों को सही राह में चलने के उपदेस देते है,


mahima dharma

बतादूँ की भीम भोई हिस्ट्री के अनुसार mahima dharma एक ऐसा धर्म है जहाँ किसीभी प्रकार के स्वार्थ नहीं होता है, गाथा के अनुसार महिमा धर्म के हिसाब से भगबान के कोई भी रूप नहीं होता है और न ही कोई उनका आकार होता है यानि भगबान निराकार है जो ब्रम्हांड के कण कण में महजूद है जो किसी आकार या मूर्ति बनके किसी मंदिर या मसजिद में नहीं बल्कि हर जगह में स्थित है,

 

आज भी ओडिशा राज्य में बहुत सरे महिमा धर्म के लोगों को देखनेको मिल मिलता है जो दुनियां के मोह माया को छोड़ के उस धर्म को अपना कर सन्ति और खुसी में एक संत बनके अपने जीबन जीते है। इस धर्म को जो अपनाता है उसे सुबह 4 बजे उठना होता है और नाह धो के bhima bhoi bhajan का गान करना होता है जो की एक मंत्र की तरह होता है और उसे सुनने में भी अच्छा लगता है,

 

आपके जानकारी केलिय बतादूँ की महिमा धर्म के अनुसार जो भी इसी धर्म को अपनाता है उसे लोव,क्रोध बष्ना से दूर रहना पड़ता है, दोस्तों इसी धर्म के बारेमे जायदातर ओडिशा के लोगों को ही पता है कियूं की आज भी ओडिशा में इसी धर्म का प्रचार प्रसार किया जाता है,

bhima bhoi books name

अगर आप भी bhima bhoi books name जानना चाहते हो तोअच्छी बात है कियूं की उनके लिखी गयी सरे किताब में वो सरे सिख है जो आपको गीता भगबत में भी नहीं मिलनेवाला है,सबसे पहले bhima bhoi granthabali को आप जरूर पढ़ें उसके बात भजन करने केलिए स्तुति चिंतामणि जरूर ख़रीदे जिसे पढ़ के आपके मन पूरा सांत और मोह मुक्त होजायेगा

 

इस कलियुग को लेके भीम भोई ग्रन्थबाली में जो कुछ लिखागया है उसे पढ़के आप दंग रहेजाओगे। बतादूँ की 1870 में ही उन्हें पता चलगया था की माँ के पेट में बच्चा किस तरह से रहता है, दोस्तों 1986 में टेक्नोलॉजी के मदत से साइंटिस्ट लोगों ने वही बात को पता करके अमेरिका के सरे साइंटिस्ट दंग रेहेगये थे जिसके चलते अमेरिका भी bhima bhoi के किताब के राज पता कर रहाहै,

 

दोस्तों santha kabi bhima bhoi किताब में उन्होंने यह भी लिखा है की कलियुग में ऐसा भी एक दिन आएगा जहाँ अपने बाप के मृत सरीर को भी खुदके बेटा छूने केलिए इनकार करदेगा और यह बातें सच में होगया कोरोना वायरस के चलते । वो यह भी लिखे है की पूरी जगन्नाथ मंदिर के ध्वज पर आग लगेगा और यह दृश्य भी 2020 में देखने को मिला जब पूरी दुनियां में lock-down चल रहाथा तब 213 फ़ीट ऊँचा जगन्नाथ मंदिर के फ्लैग में आग लगा था,

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bhima bhoi samadhi pitha

जब bhima
bhoi
ने अपने सरीर तियाग दिए तब उनके सरीर को उनके भक्तों ने ओडिशा राज्य
के  सोनपुर जिल्ले में खलिआपली नामक एक गाओं में समाधी दे दी जिसे समाधी पीठ के नाम पर जाना जाता है। बतादूँ की उनके समाधी के ऊपर ही एक मंदिर निर्माण
कियागया है और वो मंदिर चमत्कारी रूप से जमीन से 2 इंच ऊपर तैरता है जिसे
sunya mandir के नाम पर इंटरनेट में सर्च सकते हो।

 

दोस्तों दुःख के बात यह है की आजके तारीख में शून्य मंदिर धीरे धीरे जमीन को छू चूका है जहाँ पहलेवाला नजारा नहीं है, यह सुनी सुनाई बात है की सच में समाधी पीठ के मंदिर जमीन से २ इंच ऊपर तैरता था वैसे इस बारेमे हमने जायदा कुछ रीसर्च भी नहीं किया है, 

 

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आप अगर ओडिशा के हो तो अच्छी बात है कियूं की भीमा भोई के सरे किताब pdf फाइल में इंटरनेट पर मिल जायेगा, दोस्तों इसी किताब के मदत से अपने दिमाग को सांत और तेज कर सकते हो। दुनियां के हर किसी को इन्ही किताब पढ़ना चाहिए ताकि भबिस्य के सरे रहश्य इन्ही सरे किताब में छुपा हुआ है पुरे सबूत के साथ,

 

लोग कहते है की महाभारत
पढोगे तो अच्छाई और बुराई को पहचान पाओगे, रामायण पढोगे तो माँ पापा भाई बेहेन तथा पत्नी को कैसे आदर किया जाता है वही जानोगे, कुरान पढोगे तो स्वार्थी बन जाओगे और भीम भोई के किताब पड़ोगे तो भबिष्य में जो भी चीजें होनेवाला है वो सरे जानकारी प्राप्त कर पाओगे जिसका जिन्दा सबूत कोरोना है ,

 

bhima bhoi quotes in Oriya

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bhima bhoi quotes

अगर आपके पास किताब पढ़ने केलिए समय नहीं है तो कोई बात नहीं गूगल में bhima bhoi quotes in oriya याफिर हिंदी लिख के सर्च करेंगे तो छोटे छोटे कबिता आजायेगा जिसे पढ़ के भी सरे ज्ञान ले सकते हो, दोस्तों अगर आपने यहाँ तक पढ़लिया होगा तो सच में आप एक ज्ञानी हो नहीं तो अधूरा ज्ञान मूरख ही लेते है,

 

उन महा पुरष के बारेमे जितना लिखू ख़तम नहीं होगा सो दोस्तों उम्मीद करता हूँ उनके बारेमे आपको एक अच्छा जानकारी मिला होगा। ऐसे ही नए पुराने जानकारी पाने केलिए हमे जरूर फॉलो करें और bhima bhoi को लेके कुछ सबाल या सुझाब हो तो निचे कमेंट करें,

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