bargarh dhanu yatra history and date
ओडिशा के bargarh dhanu yatra को लगभग सभी लोग जानते है तो dhanu yatra history की बात करें तो त्रेताया योग में lord कृष्णा के जीबन पर आधारित है यानि श्री कृष्णा धरती में पैदा होके गोपपुर में माता योसोदा के पास किस तरह से रहते है और दूसरी तरफ माता देवकी के भाई कंस के दुर्नीति मथुरा राज्य में कैसे चलता था साथ ही उस दुर्नीति को रोकने केलिए श्री कृष्णा बड़ा होके मथुरा आके कंस राजा को कैसे मार के अपने प्रजा को मुक्ति दिलाये थे इन सरे चीजों को ओडिशा राज्य के बरगढ़ जिल्ले में एक ओपन थिएटर में सरे दृश्य दिखाया जाताहै।
आमतौर पर किसी नाटक को कोई स्टेज में दिखया जाता है पर dhanu yatra को कोई स्टेज में नहीं बल्कि ओपन स्टेज में दिखाया जाता है यानि कंस के दरवार में कंस रहेगा मथुरा दूसरे जगह में रहेगा गोप पुर किसी दूसरे गाओं में होगा यमुना नदी बरगढ़ के जीरा नदी को माना जायेगा यानि सच में जो दृस्य जैसा होना चाहिए वैसे रखा गया है और ऑडियंस उसे सरे इलाके में घूम घूम के देखते है। गोपुर में श्री कृष्णा के नटखट चालू रहता है तो दूसरी तरफ कंस महाराज के शासन चलता रहता है।
बतादूँ की bargarh dhanu yatra पुरे 11 दिन तक चलता है और कंस के ज़माने में जैसे कंस राज करता था ठीक उसी तरह जात्रा के दिन कंस के सरे राज चलता है जिसके आगे ओडिशा सर्कार के कोई नियम नहीं होता है कंस चाहे तो वो 11 दिन के अंदर ओडिशा को बेच भी सकता है यानि सच में कंस के हाथो में सरे पावर दिया जाता है इसीलिए यह यात्रा को बिस्व प्रसिद्ध धनु यात्रा के नाम पर भी जाना जाताहै और dhanu yatra को world Guinness book में इसका सरे रिकॉर्ड के बारे में दर्ज किया गया है,
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Dhanu jatra |
Bargarh dhanu yatra History
अगर हम बरगढ़ जिल्लेके dhanu yatra history के बात करें तो पिछले 30 सालों से dhanu yatra को आयोजित किया जारहा है। दरअसल धनु जात्रा को सूत्रों की अनुसार बरगढ़ के जिल्ला के कुछ मजदूरों ने मिल के सुरुवात किये थे और यह जात्रा देखते देखते इतना प्रसिद्ध होगया की यह यात्रा को world Guinness book में भी अपना कई सरे रिकॉर्ड छाप छोड़ दिया है और आजके डेट में यह एक बिस्व प्रसिद्ध जात्रा कहलाता है जिसे दुनियां लगभग सभी लोग जानने लगे है।
धनु जात्रा में जयादातर कंस महाराजा के शासन कल को दिखाया जाता है जो 11 दिन तक बरगढ़ जिल्ला में कंस के हुकूमत चल ता है और कंस के आगे गोवेर्मेंट के आइन कानून भी झुक जाता है। कंस राजा 11 दिनों में जो चाहे वही कर सकता है और करवा भी सकता है। बतादूँ की dhanu yatra 11 दिनो तक लगातार चलता है।
वही 11 दिनों तक जितने सरे भी कैरेक्टर्स होते है वो सभी लोग उसी कैरेक्टर्स में आखरी दिन तक रहते है जैसे उनका चाल ढाल,खान पान,रहना सोना सब कुछ वैसा ही चलता रहता है चाहे वो दिन हो या रत हो कोई फरक नहीं पड़ता इसलिए यह यात्रा को बिस्व बिख्यात के टैग मिला है जो किसी दूसरी नाटक या यात्रा में यह सब देखने को नहीं मिलता है।
बतादूँ की bargarh dhanu yatra में गोपपुर,मथुरा जमुना नदी,कालिंदी समुंदर इन सभी जगह को कोई स्क्रीन में नहीं बल्कि सच में दिखाया जाता है जो हमने निचे बिस्तार से समझा कर लिखा है और साथ ही वीडियो भी डाला है निचे जाकर आप पढ़ सकते हो।
श्री कृष्णा के पैदा होने से लेके कंस राजा के बद्ध होने तक लगातार यह कार्यकर्म चलता रहता है खोला मंच में जो देख के ऐसा लगता है की सच में अभी त्रेताया योग चल रहा है और यह देखने केलिए करोड़ों लोगों के भीड़ लगता है 11 तक आप भी इंडियन हो तो एकबार जरूर जाएँ। ऐसे बहुत सरे रोचक जानकारी है dhanu yatra के अंदर जो निचे आप पढ़ सकते हो।
bargarh dhanu yatra 2021 date
किया आप बरगढ़ dhanu yatra 2021 date जानना चाहते है ? बतादूँ की इस साल जानुयारी 18 तारीख को धनु जात्रा होनेवाला है। बिधि और तिथि के अनुसार यह यात्रा किया जाता है जो 2020 का यात्रा 2021 जानुयारी को हुआ ठीक उसी तरह 2021 के यात्रा 2022 जानुयारी 18 तारीख को होगा confuse होनेके कोई बात नहीं है यह तारीख सही है। दोस्तों dhanu yatra 2021 date बिलकुल सही है 11 दिनों तक चलने वाली यह यात्रा केलिए हम आपको आमंत्रित करते है।
बरगढ़ मथुरा
अगर हम बरगढ़ मथुरा के बात करें तो बरगढ़ जिल्ला के बिज़ में dally market म है जहाँ कंस महा राजा आलीशान महल तैयार किया जाता है और श्रीकृष्ण जो काल खोठरी में पैदा हुए थे वो सच में बरगढ़ के एक जेल में वही दृश्य को dhanu yatra में दिखाया जाता है।
बरगढ़ गोपपुर
बरगढ़ जिल्ला गोप पुर के बात करें तो अमापाली गाओं को गोपपुर बनाया जाता है जहाँ श्री कृष्णा के नट खट और उनका राख्यासों का बद्ध के दृस्य दिखाया जाता है जो बहुत ही रियलस्टिक होता है dhanu yatra का उस नजारा सच में पुरातन गोपुरवाला जैसे,
बरगढ़ यमुना नदी
औ bargarh dhanu yatra में बरगढ़ जिल्ले के किनारे जीरा नदी बहता है जिसे यमुना नदी बनाया जाता है जहाँ कृष्णा गोपपुर के सभी गोपियों के साथ रासलीला रचते है और सप्तफणि काली नागिन के साथ नृत्य करते है और वहां का नजारा सबसे भयानक होता ह,
Dhanu yatra
आपको पता ही होगा dhanu yatra में यानि द्वापर युग में जब श्री कृष्णा देवकी की कोक से कंस राजा के एक कालकोठरी में पैदा होते है तब पिता बासुदेव ने अपने बेटा यानि कृष्णा को बचाने केलिए (bargarh dhanu yatra) उन्हें मथुरा ले आते है नंद राजा के घर,मथुरा में कृष्णा कई सारे लीला दिखा ते है,कंस राजा कृष्णा को पसंद नहीं करते थे और वो कृष्णा को मरने केलिए सडयंत्र रचते है
कंस के मंत्री अकुर को गोपपुर भेज देते है यह कहे के की में धनु जात्रा करने वाला हूँ और मेरे भांजे कृष्णा को लेके आओ जब कृष्णा मथुरा लोटते है तब कंस राजा ने उनके चेहरा देखते ही..मर जाते है कियूं की कृष्णा के चेहरे में एक अनोखे प्रकार के चमक होता था जिसे कंस महाराजा ने देखते ही उनका प्राण चला गया और मथुरा से कंस का दुर्नीति हमेसा केलिए मिट गया था।
यह सरे चीजें bargarh dhanu jatra में दिखाई जाता है खोला मंच पर इसीलिए यह जात्रा को world largest open air theater भी कहा जाता है upsc exam में भी कई बार इस सबाल को सबाल को पूछा जाता है आप एक स्टूडेंट हो तो यह जानकारी आपकेलिए बहुत ही मदतगार साबित हो सकता है और हर एक इंडियन केलिए इस ओनोखे ज्ञान को लेना चाहिए जहाँ बहुत सरे सिख मिलता है जीबन में। सो किया खयाल है आपका dhanu jatra history को लेके जरूर कमेंट करना और और होसके तो share भी करना इसी आर्टिकल को।
bargarh dhanu yatra